Wednesday, August 21, 2019

..बाहर बारिश अपने पूरे शबाब पर थी, मैने सोचा कि चलो देखते हैं.. और कान उमेठ दी, पवनदूत की.. कुछ ही मिनटो मे एक कट आया और हमने कट लिया.. रास्ता बारिश मे थोडा़ उबड़ खाबड़ हो रहा था पर ठीक था।
...करीब 1500 मीटर अंदर आने पर जो दिखा वो दिल को खुश करने के लिए काफी था। .. घनी बारिश मे मैदानो से पहाडों तक हरियाली फैला थी, पहाडो़ से चलकर झरने कदमों को चूम रहे थे, धुंध ने रास्तों को यूँ ढक रखा था मानों वे उन्हें बुरी नजरों से बचाना चाह रही थीं। 


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